https://wsj.com/politics/national-security/u-s-all-but-stopped-s…
11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर आतंकवादी हमलों के बाद के वर्षों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने हमास और अन्य हिंसक फिलिस्तीनी समूहों पर जासूसी करना बंद कर दिया, इसके बजाय अल कायदा और बाद में इस्लामिक स्टेट के नेताओं की तलाश में संसाधनों को निर्देशित किया। बदलाव से परिचित अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यह गणना करते हुए कि हमास ने कभी भी अमेरिका को सीधे तौर पर धमकी नहीं दी थी और अन्य जासूसी प्राथमिकताओं का बोझ डाला था, वाशिंगटन ने जिम्मेदारी इजरायल को सौंप दी, उसे विश्वास था कि उसकी आक्रामक सुरक्षा सेवाएं किसी भी खतरे का पता लगा लेंगी। एक वरिष्ठ आतंकवाद निरोधक अधिकारी ने कहा, ’’यह एक अच्छा दांव होना चाहिए था।’’ 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमले के बाद से 30 से अधिक अमेरिकी मारे गए और 10 लापता हो गए, क्षेत्रीय युद्ध की आशंका बढ़ गई और अरबों डॉलर के अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर मध्य पूर्व की ओर बढ़ गए, कुछ अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका ने अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरे को गलत समझा। सुरक्षा।
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